Conversion of Class-2 lands to Class-1: भारत जैसे देश में, जहां ज़मीन किसानों के लिए सबसे बड़ी संपत्ति होती है, ज़मीन के प्रकार और उनके हस्तांतरण से जुड़े नियम बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। यदि आपके पास वर्ग-2 की जमीन है और आप उसे वर्ग-1 में बदलना चाहते हैं, तो यह प्रक्रिया अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है। आइए जानते हैं कि इस रूपांतरण के लिए क्या-क्या करना होता है और इसमें हाल ही में किए गए नए बदलाव क्या हैं।
वर्ग-1 और वर्ग-2 की जमीन क्या होती है? | Conversion of Class-2 lands to Class-1
जब हम किसी जमीन के दस्तावेज़ों की बात करते हैं, तो सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि ‘वर्ग-1’ और ‘वर्ग-2’ की जमीन क्या होती है।
वर्ग-1 की जमीन: इस श्रेणी में वे ज़मीनें आती हैं जिनके मालिक किसान होते हैं, और उनका स्थानांतरण सरकार की अनुमति के बिना भी किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि इन ज़मीनों पर कोई सरकारी प्रतिबंध नहीं होता।
वर्ग-2 की जमीन: यह वह ज़मीन होती है जो सरकार द्वारा भूमिहीन किसानों या अन्य व्यक्तियों को कृषि, रहवासी, या औद्योगिक उपयोग के लिए प्रदान की जाती है। इस जमीन का हस्तांतरण सरकार की अनुमति के बिना संभव नहीं है। इस श्रेणी में देवस्थान इनाम की ज़मीनें या भूमिहीन किसानों को वितरित की गई ज़मीनें भी आती हैं।
वर्ग-2 से वर्ग-1 में रूपांतरण कैसे करें? | Conversion of Class-2 lands to Class-1
वर्ष 2019 में महाराष्ट्र सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल और स्पष्ट बनाने के लिए नए नियम जारी किए थे। इन नियमों के तहत, सरकार द्वारा कब्जाधारी अधिकारों या पट्टे पर दी गई जमीनों का वर्ग-2 से वर्ग-1 में रूपांतरण संभव है। इसके लिए आपको तहसील कार्यालय में एक आवेदन जमा करना होगा। आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करने होंगे और नजराने की राशि जमा करनी होगी।
आवेदन प्रक्रिया | Conversion of Class-2 lands to Class-1
आपके लिए सबसे पहले तहसीलदार के पास एक आवेदन जमा करना आवश्यक है। आवेदन का प्रारूप इस प्रकार होता है:
विषय: महाराष्ट्र सरकार के ज़मीन रूपांतरण नियम, 2019 के तहत आवेदन।
मालिक का नाम, पता, संपर्क विवरण।
जमीन का विवरण: गाँव, तहसील, ज़िला, गट नंबर, क्षेत्रफल।
इसके साथ आवश्यक दस्तावेज़ भी जमा करने होंगे, जैसे कि सातबारा, कब्जाधारी प्रमाणपत्र, और जमीन के पिछले 50 सालों का विवरण।
नजराने की राशि कितनी होती है? | Conversion of Class-2 lands to Class-1
नए नियमों के तहत, अगर मूल जमीन खंडकरी किसानों की है तो उन्हें कोई नजराना नहीं देना पड़ेगा। लेकिन अगर यह जमीन सरकार से भूमिहीन व्यक्तियों को आवंटित की गई है, तो मौजूदा बाजार दर के अनुसार नजराना देना होगा।
कृषि उपयोग: जमीन के बाजार मूल्य का 50%।
रहवासी उपयोग (कब्जाधारी): बाजार मूल्य का 15%।
रहवासी उपयोग (पट्टे पर): बाजार मूल्य का 25%।
औद्योगिक या वाणिज्यिक उपयोग: बाजार मूल्य का 50%।
आवश्यक दस्तावेज़ | Conversion of Class-2 lands to Class-1
पिछले 50 वर्षों का सातबारा।
जमीन के सभी फेरफार की नोंद।
चार सीमा का नक्शा।
आकरबंद की मूल प्रति।
जमीन के मूल धारक का दस्तावेज।
प्रक्रिया के बाद क्या होता है? | Conversion of Class-2 lands to Class-1
आवेदन जमा करने के बाद तहसीलदार आपको जमीन का नजराना जमा करने के लिए चालान जारी करेगा। यह राशि बैंक में जमा करने के बाद चालान और दस्तावेज़ों की जांच की जाती है। इसके बाद, संबंधित जमीन के सातबारा पर वर्ग-2 का शेरा हटाकर वर्ग-1 का शेरा चढ़ा दिया जाता है।
निष्कर्ष
सरकार ने जमीन रूपांतरण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं। अगर आपके पास वर्ग-2 की जमीन है और आप इसे वर्ग-1 में बदलना चाहते हैं, तो अब आपको इस प्रक्रिया में बहुत कम दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जमीन की सही जानकारी, दस्तावेज़, और आवेदन प्रक्रिया के साथ आप आसानी से इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।