Obc non creamy layer certificate: महाराष्ट्र में ओबीसी, विमुक्त जाति, भटक्या जमाती (व्हीजेएनटी) और विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) के छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आय प्रमाणपत्र की आठ लाख रुपये की सीमा को खत्म कर दिया है और अब केवल नॉन-क्रीमीलेयर प्रमाणपत्र को ही अनिवार्य कर दिया गया है।
Obc non creamy layer certificate | क्या था पुराना नियम?
अब तक, ओबीसी, व्हीजेएनटी और एसबीसी समुदाय के छात्रों के माता-पिता की वार्षिक आय सीमा 8 लाख रुपये से अधिक होने पर वे शिक्षा शुल्क और परीक्षा शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ नहीं ले सकते थे। इस नियम के कारण हजारों छात्रों को उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने में कठिनाई हो रही थी। कई गरीब परिवारों के बच्चे इस वजह से अपने सपनों को अधूरा छोड़ देते थे।
Obc non creamy layer certificate | क्यों उठाई गई यह मांग?
लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि आय सीमा की शर्त को हटाया जाए और केवल नॉन-क्रीमीलेयर प्रमाणपत्र वाले छात्रों को इस योजना का लाभ दिया जाए। इस मुद्दे पर सरकार ने विचार किया और आखिरकार उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ओबीसी महासंघ के प्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर एक आश्वासन दिया।
Obc non creamy layer certificate | सरकार का आदेश और नया नियम:
बहुजन कल्याण विभाग ने इस संबंध में एक स्पष्ट पत्र जारी करते हुए यह घोषणा की है:
आठ लाख रुपये वार्षिक आय की सीमा को हटा दिया गया है। अब केवल नॉन-क्रीमीलेयर प्रमाणपत्र को ही मान्यता दी जाएगी।
जिन छात्रों के पास नॉन-क्रीमीलेयर प्रमाणपत्र होगा, उन्हें शिक्षा शुल्क और परीक्षा शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ मिलेगा।
खास बात यह है कि जिन माता-पिता की आय सीमा 8 लाख रुपये से अधिक है, लेकिन जिनके पास नॉन-क्रीमीलेयर प्रमाणपत्र है, उनके बेटों को 50% और बेटियों को 100% तक शिक्षा शुल्क और परीक्षा शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिलेगा।
Obc non creamy layer certificate | इस फैसले का क्या मतलब है?
इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा उन हजारों छात्रों को होगा, जो केवल आय सीमा की वजह से अपने सपनों को पूरा नहीं कर पा रहे थे। यह निर्णय उन परिवारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आया है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपने बच्चों को उच्च शिक्षा नहीं दिला पा रहे थे। अब यह छात्र बिना किसी चिंता के अपने करियर की ओर बढ़ सकेंगे।
Obc non creamy layer certificate | सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों को राहत
इस योजना से राज्य के सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को भी लाभ मिलेगा। जो पहले से नॉन-क्रीमीलेयर प्रमाणपत्र लिए हुए थे, अब उनके लिए फिर से आय प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं होगी। यह कदम राज्य के छात्रों को उच्च शिक्षा में आने वाली अड़चनों को दूर करेगा और उन्हें अपने सपनों को साकार करने का मौका देगा।
यह निर्णय एक बड़ी राहत के रूप में आया है, जिसने हजारों परिवारों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी है। यह साबित करता है कि अगर आवाज़ें एकजुट होती हैं, तो सरकारें भी बदलाव के कदम उठाती हैं। इस ऐतिहासिक फैसले से हमारे समाज के ओबीसी, व्हीजेएनटी और एसबीसी समुदाय के छात्रों को एक नया हौसला मिलेगा।
तो आइए, इस बदलाव का स्वागत करें और अपने भविष्य को संवारने के इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं। यह फैसला एक नया सवेरा है उन सभी के लिए, जो अपने सपनों को उड़ान देना चाहते हैं।
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